दिल्ली के केजरीवाल मॉडल का अध्ययन कराएगी कमलनाथ सरकार

दिल्ली के केजरीवाल मॉडल का अध्ययन कराएगी कमलनाथ सरकार
दिनेश निगम ‘त्यागी’
लगातार तीसरी बार जीत दर्ज कर दिल्ली के मुख्यमंत्री बने अरविंद केजरीवाल देश की राजनीति में छा गए हैं। काम को लेकर उनके दिल्ली मॉडल की चर्चा हर तरफ है। कई अन्य राज्यों की तरह प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने भी केजरीवाल मॉडल का अध्ययन कराने का निर्णय लिया है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री व भाजपा के चाणक्य अमित शाह सहित समूची भाजपा की रणनीति पर यह मॉडल भारी पड़ा। इससे साफ हो गया कि काम के आधार पर राष्टÑवाद, भारत-पाकिस्तान व हिंदू-मुस्लिम जैसे भड़काऊ कार्डों से भी निबटा जा सकता है। मुख्यमंत्री कमलनाथ हालांकि बिजली, स्वास्थ्य व पानी को लेकर इस मॉडल की दिशा में कदम आगे बढ़ा चुके हैं। पर यह पर्याप्त नहीं है। मुख्यमंत्री अब एक टीम बनाकर उसे केजरीवाल मॉडल का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार करने की जवाबदारी सौंपने की तैयारी में हैं। फोकस बिजली, स्वास्थ्य, पानी और शिक्षा पर ही होगा।
लाखों लोगों को मिल रही सौ रुपए में बिजली
केजरीवाल दिल्ली में एक सीमा तक बिजली की खपत करने वालों को मुफ्त बिजली दे रहे हैं। इसी तर्ज पर मप्र में कांग्रेस सरकार ने इंदिरा गृह ज्योति योजना शुरू कर रखी है। इसके तहत सौ यूनिट तक बिजली की खपत वाले उपभोक्ताओं को सौ रुपए का बिल अदा करना पड़ता है। कुछ यूनिट की खपत ज्यादा हो तब भी सौ रुपए ही लगते हैं। यह योजना बेहद लोकप्रिय है। इसका लाभ प्रदेश के लाखों उपभोक्तओं को मिल रहा है। भोपाल में ही लगभग एक लाख उपभोक्ता इसका लाभ ले रहे हैं। केजरीवाल मॉडल की दिशा में कमलनाथ का यह पहला कदम कहा जा सकता है।
मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर संजीवनी क्लीनिक
केजरीवाल की दूसरी लोकप्रिय योजना स्वास्थ्य क्षेत्र की मोहल्ला क्लीनिक है। इसके तहत मोहल्लों में क्लीनिक खोलकर आम बीमारियों की जरूरी जांचें कर दवाएं दी जाती हैं। कमलनाथ ने इसी तर्ज पर मप्र में संजीवनी क्लीनिक की शुरुआत पिछले माह की है। इंदौर में इसका शुभारंभ खुद कमलनाथ एवं भोपाल में मंत्री पीसी शर्मा ने किया था। इसे प्रदेश भर में शुरू करने की तैयारी है। इसके तहत लगभग हर वार्ड में संजीवनी क्लीनिक खोलकर लोगों को घर के पास ही डाक्टर, जरूरी जांच व दवाएं उपलब्ध कराने की व्यवस्था है। भोपाल में ऐसे तीन क्लीनिक खुल चुके हैं।
पानी का अधिकार देने कदम बढ़ा चुकी सरकार
बिजली एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम शुरू करने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ पानी पर ध्यान दे रहे हैं। उनकी योजना शीघ्र ही लोगों के लिए पानी का अधिकार कानून बनाने की है। इसके तहत तय होगा कि प्रत्येक परिवार या व्यक्ति के हिसाब से कितना फ्री पानी दिया जाएगा। इस दिशा में राष्टÑीय स्तर का जल सम्मेलन भोपाल के मिंटो हाल में आयोजित कराया जा चुका है। प्रदेश सरकार की योजना को देश के दो दर्जन से ज्यादा राज्यों ने अपनाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ की टीम इस दिशा में तेजी से काम कर रही है। खबर है कि एक साल के अंदर लोगों के लिए पानी के अधिकार का कानून बनाकर लागू कर दिया जाएगा।
केजरीवाल मॉडल का अध्ययन कर शिक्षा पर काम
मुख्यमंत्री कमलनाथ इस तरह बिजली, स्वास्थ्य व पानी की दिशा में पहले से काम कर रहे हैं। दिल्ली में केजरीवाल की काम के नाम पर जीत ने उनका हौसला बढ़ाया है। खबर है कि उन्होंने केजरीवाल मॉडल का अध्ययन कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए अफसरों, मंत्रियों की एक टीम दिल्ली जाकर इसका अध्ययन करेगी और मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपेंगी। इसके बाद प्रदेश सरकार मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की दिशा में कदम आगे बढ़ाएगी। रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद स्वास्थ्य, बिजली व पानी की दिशा में सुधार कर आगे बढ़ा जाएगा। मुख्यमंत्री के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा का कहना है कि अगली बार कांग्रेस भी कमलनाथ द्वारा किए गए कामों के आधार पर जनता से वोट मांगेगी।
-----------