कुपोषण मुक्त प्रदेश बनाना सरकार की प्राथमिकता : मंत्री श्रीमती इमरती देवी।

कुपोषण मुक्त प्रदेश बनाना सरकार की प्राथमिकता :
मंत्री श्रीमती इमरती देवी।
खजुराहो में प्रदेश स्तरीय कार्यशाला में शामिल हुईं महिला एवं बाल विकास मंत्री।
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प्रदेश सरकार द्वारा बेटियों की तरक्की के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित की जा रही हैं। कुपोषण मुक्त प्रदेश बनाना सरकार की प्राथमिकता है। सरकारी नौकरियों और स्थानीय चुनावों में बेटियों और महिलाओं की पर्याप्त भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई है। यह बात महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने आज खजुराहो के एक निजी होटल में प्रदेश स्तरीय कार्यशाला के अवसर पर कही। कार्यशाला का आयोजन यूएनएफपीए के सहयोग से किया गया था।
कार्यशाला के अवसर पर मंत्री ने कहा कि प्रदेश की बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से कमतर नहीं है। अच्छी सोच के साथ आगे बढ़ने से कामयाबी मिलती है। उन्होंने कहा कि कोई भी काम जिम्मेवारी और लगन के साथ करना चाहिए। वर्तमान में बेटियों की तरक्की के लिए परिवार और समाज की सोच में अंतर आया है। उन्होंने कहा कि शिक्षित मां से शिक्षित परिवार बनता है।
मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों और मैदानी कर्मचारियों से पूरी जिम्मेवारी के साथ कार्य कर प्रदेश को विकसित बनाने में भागीदार बनने की अपील की। उन्होंने किशोरी बालिकाओं में लीडरशिप और स्किल डेवलपमेंट निर्माण के लिए ऐसे कार्यक्रमों को जरूरी बताया और यूएनएफपीए के इस प्रयास की सराहना की।  
महिला एवं बाल विकास विभाग के आयुक्त श्री नरेश पाल ने कहा कि पिछड़ापन दूर करने के लिए निचले स्तर के कर्मचारियों को जागरूक रहना अधिक जरूरी है। उन्होंने कहा कि मंत्री के मार्गदर्शन में विभाग को नवाचार और बेहतर कार्य के लिए विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार मिले हैं। विभाग द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को आगामी 8 मार्च को विश्व महिला दिवस के मौके पर सम्मानित किया जाएगा। आयुक्त श्री पाल ने विभागीय अधिकारियों को जागरूकता गतिविधियां बढ़ाने, योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने, बच्चों के चिन्हांकन में लापरवाही नहीं बरतने और किशोरी बालिका योजना का बेहतर तरीके से क्रियान्वयन करने के लिए कहा। उन्होंने विभाग में ग्रेडिंग सिस्टम लागू होने की जानकारी भी दी।
कलेक्टर श्री मोहित बुंदस ने अवगत कराया कि छतरपुर जिले में निरंतर मॉनिटरिंग के जरिए विभागीय योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए परिवार और समाज को बेटियों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। जिले में पॉस्को एक्ट में की गई कार्यवाही और समाज में अपराध की पुनरावृत्ति रोकने के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी भी उन्होंने दी।
कलेक्टर ने कहा कि जिले में वन स्टॉप सेंटर के जरिए विपत्तिग्रस्त महिलाओं का पुनर्वास किया जा रहा है। इसके अलावा घरेलू हिंसा से प्रताड़ित महिलाओं के पुनर्वास, राष्ट्रीय किशोरी स्वास्थ्य योजना के जिले में क्रियान्वयन, लाडो अभियान और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के बारे में अवगत कराया।
कलेक्टर ने कहा कि छतरपुर जिले के शासकीय विद्यालयों में आगामी 31 मार्च तक बालिकाओं को पृथक टायलेट की सुविधा मिल जाएगी। उन्होंने ग्रामसभा में स्कूलों से ड्रापआउट बच्चों के संबंध में चर्चा करने, महिलाओं की सुरक्षा के लिए सिटी एप बनाने, एएनसी जांच, संस्थागत प्रसव में निरंतर बढ़ोत्तरी, महिलाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण, डीवार्मिंग कैम्प, दस्तक, मिशन इन्द्रधनुष और टीकाकरण के बारे में अब तक की वस्तुस्थिति और आगामी कार्ययोजना के बारे में बताया।  कार्यक्रम में खजुराहो नगर परिषद की पूर्व अध्यक्षा श्रीमती कविता सिंह मौजूद रही एवं समृद्धि परियोजना के अंतर्गत हुए कार्यक्रमों की सराहना की साथ ही बच्चियों के विकास में योजना से होने लाभ के में विस्तार से चर्चा की  एवं बच्चियों से सवाल जवाब संवाद किए
इसके पहले विभाग की अपर संचालक राजपाल कौर ने स्वागत उद्बोधन दिया और समृद्धि के जरिए किशोरी बालिका योजना के तहत किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला। धरती संस्था के संचालक धीरेन्द्र भदौरिया ने जानकारी दी कि समाज में लिंग आधारित भेदभाव और अन्य सूचकांकों में पिछड़े होने के कारण छतरपुर जिले में अक्टूबर 2017 में यूएनपीएफए के सहयोग से समृद्धि योजना की शुरूआत बड़ामलहरा और बिजावर विकासखण्ड के 150 ग्रामों से की गई थी। अब नौगांव, राजनगर और छतरपुर (ईशानगर) विकासखण्ड में भी 300 से अधिक ग्रामों में 13 से 19 वर्ष की किशोरियों को जागरूक करने के लिए योजना का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। अब तक 9 हजार 807 किशोरियों को अभियान से जोड़ा गया है।
यूएनपीएफए के राज्य समन्वयक नीलेश देशपाण्डे ने राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के बारे में विस्तृत रूप से अवगत कराया और कहा कि प्रत्येक ब्लॉक में काउंसलिंग सेंटर खोले गए हैं।
मंत्री ने मोबाइल एप का किया विमोचन
महिला बाल विकास मंत्री ने कार्यशाला में समृद्धि (सेग) मोबाइल एप का विमोचन भी किया। इस एण्ड्राएड एप के जरिए विभागीय बैठकों और योजनाओं के क्रियान्वयन की बेहतर तरीके से रिपोर्टिंग और मॉनिटरिंग सुनिश्चित होगी।
कार्यशाला में दर्शना संस्था की प्रभा वैद्य सहित साथिया दल में शामिल किशोरी बालिकाएं, महिला बाल विकास विभाग के सभी संभागीय और जिलाधिकारी उपस्थित थे।