संविदा कर्मचारियों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन


छतरपुर। बीते रोज लोकायुक्त सागर पुलिस द्वारा जनपद पंचायत छतरपुर की ब्लाक समन्वयक नीलम तिवारी को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार कर मौके पर मुचलके पर छोड़कर जो कार्यवाही की उस कार्यवाही के खिलाफ स्वच्छता मिशन के तहत जिले भर के सभी संविदा कर्मचारियों ने आज दोपहर को कलेक्टर और जिलापंचायत सीईओ के नाम एक ज्ञापन संयुक्त कलेक्टर पियूष भट्ट को सौंपा। जिसमें यह मांग रख गई है कि नीलम तिवारी को लोकायुक्त पुलिस ने षडयंत्र पूर्वक फंसाया गया है। जबकि रोजगार सहायक के द्वारा अपने कार्यों को समय सीमा और लक्ष्य को पूरा न करने के कारण कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे उससे खुन्न खाकर रोजगार सहायक ने ब्लॉक समन्वयक को रिश्वत के काम में फंसाया। सभी संविदा कर्मचारियों ने यह मांग की है कि लोकायुक्त पुलिस की जो कार्यवाही की गई है उसकी निष्पक्ष जांच कराई जाए और यह भी लिखा है कि संविदा कर्मचारियों को शासकीय योजनाओं का जो लक्ष्य दिया जा रहा है उसमें काफी दबाव शासन द्वारा रहता है जिसके चलते कार्यालय में विभिन्न प्रकार के लोगों की आवाजाही रहती है। ऐसे में काम करने में काफी परेशानियां होती हैं। कोई भी व्यक्ति कार्यालय में आकर किसी की भी ड्राज में पैसा डालकर किसी को भी फंसा सकता है और ऐसी घटनाएं पूर्व में भी हो चुकी हैं। सभी संविदा कर्मचारियों ने कलेक्टर और जिला सीईओ से निष्पक्ष जांच की मांग की है। वहीं दूसरी ओर धौरी के सरपंच हीरालाल पटेल ने नीलम तिवारी को रोजगार सहायक जीतेन्द्र सिंह के द्वारा पैसा लेने के एवज में जो शिकायत की थी उसमें सरपंच ने रोजगार सहायक पर हितग्राहियों से राशि उगाही करने का गंभीर आरोप लगाया है। यह पत्र भी सरपंच ने जिला पंचायत के सीईओ और कलेक्टर के नाम दिया है। सरपंच का कहना है कि रोजगार सहायक शासकीय कार्यों में लापरवाही बरतता है एवं हितग्राहियों से शौचालय बनाने के नाम पर दो दो हजार रुपए एवं आवास स्वीकृत कराने के नाम पर पांच पांच हजार रुपए की राशि लेता है। फिलहाल लोकायुक्त की कार्यवाही को लेकर जिले में बवाल मचा हुआ है। संविदा कर्मचारियों ने यह मांग रखी है कि उन्हें पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए।