20 किसानों में शामिल बड़े किसानों के चक्कर में प्रभावित हो रही खरीदी


छतरपुर। जानलेवा कोरोना वायरस के कारण समूचे देश के साथ जिला भी लॉक डाउन है इसके बाद भी प्रशासन द्वारा अन्नदाता किसानों को देखते हुए समय से गेहूं खरीदी शुरू करा दी गई थी जिसके लिए गेहूं उपार्जन केंद्र बनाए गए यहां तक कि इस बार केंद्रों की संख्या में इजाफा भी कर दिया गया और जिला प्रशासन द्वारा केंद्रों में लॉक डाउन का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए साथ ही केंद्रों में ज्यादा भीड़ ना जुटे इसके लिए भी एक बेहतर कार्य योजना बनाई लेकिन इस कार्य योजना मैं कुछ खामियां हो जाने के कारण इसका खामियाजा अन्नदाता किसानों के साथ-साथ गेहूं उपार्जन केंद्र के संचालकों को भी भुगतना पड़ रहा है। प्रशासन द्वारा बनाई गई व्यवस्था के चलते प्रतिदिन 20 किसानों को मैसेज भेज कर उन्हें तारीख दे दी जाती है कि इस दिन आपका गेहूं खरीद लिया जाएगा लेकिन उन 20 किसानों में दो से तीन बड़े किसानों के शामिल हो जाने के कारण केंद्रों पर व्यवस्थाएं खेल रही है।
नौगांव सोसाइटी की बात की जाए तो यहां पर नौगांव लुगासी मऊसहानिया लहेरा पुरवा एवं गरौली केंद्र शामिल है। मिली जानकारी के मुताबिक यह केंद्र प्रतिदिन 500 से 600 क्विंटल गेहूं आसानी से खरीद कर उन्हें वेयरहाउस में सुरक्षित रख सकते हैं क्योंकि इन दिनों मौसम का मिजाज बदला हुआ है लेकिन एक हजार से 14 सो क्विंटल गेहूं आ जाए तो उसे खरीद कर सुरक्षित रखना काफी कठिन काम है लॉक डाउन के कारण इस बार बाहर से बिहारी मजदूर भी नहीं आ पाए हैं जिस कारण सोसाइटी संचालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन को चाहिए कि वह जिन 20 किसानों को मैसेज भेज रहे हैं वह या तो लघु किसान हो या फिर अगर बड़े किसानों के पास मैसेज आ रहे हैं तो किसानों की संख्या 20 से घटाकर कुछ कम कर दी जाए ताकि प्रतिदिन गेहूं खरीदी 500 से 600 क्विंटल के बीच सिमट कर रह जाए, इससे जहां एक और किसानों को केंद्रों में जाकर गेहूं बेचने में दिक्कत नहीं होगी वहीं दूसरी ओर केंद्रों के संचालकों को भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।