छतरपुर। जानलेवा कोरोना महामारी के कारण जिले को लॉक डाउन किया गया है, लॉक डाउन के कारण गरीबों की हालत आर्थिक तौर पर बेहद नाजुक हो गई है, हालांकि जिन व्यक्तियों के जन धन योजना के तहत खाते खुले हैं उनके खातों में ₹500 शासन द्वारा डाले जा चुके हैं और 3 महीने का राशन दिए जाने के आदेश भी दिए गए हैं ऐसा देश में उन लोगों को भी शामिल किया गया है जिनके पास राशन कार्ड में खाद्यान्न पर्ची नहीं लगी हुई है इस तरह सभी को उचित मूल्य दुकान से राशन मिलना लेकिन शासन प्रशासन के आदेशों को उचित मूल्य के कुछ दुकानदारों द्वारा ठेंगा दिखाया जा रहा है। लगातार उचित मूल्य दुकान से हो रहे खाद्यान्न के वितरण संबंधी शिकायतें आने के कारण हर घर तक शासन का खाद्यान्न पहुंचने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं।
शहर के वार्ड नंबर 5 टोरिया मोहल्ला निवासी राजू जोशी ने बताया कि पार्षद द्वारा 150 लोगों के नाम लिखे गए थे जिनमें से केवल 40 लोगों को उचित मूल्य दुकान से खाद्यान्न मिला है शेष 110 लोग अभी भी खाद्यान्न पाने के लिए तरस रहे हैं श्री जोशी के मुताबिक मात्र 2 दिन उचित मूल्य दुकान खोली गई और इस अवधि में सेल्समैन द्वारा मनमाफिक तरीके से खाद्यान्न का वितरण किया गया है। राजू जोशी ने बताया कि वह भी पात्र हैं और उचित मूल्य दुकान भी गए थे लेकिन उन्हें वहां से भगा दिया गया सेल्समैन का कहना था कि हमारे पास ऐसा कोई आदेश नहीं है कि हम चाहे जिसको खाद्यान्न दे दें।
इसके अलावा राजीव जोशी ने बताया कि टोरिया मोहल्ला मैं बेहद गरीब तबके के लोग निवास करते हैं जो कि रोज मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालते हैं ऐसे में उन गरीबों को ना तो शासन प्रशासन से कोई मदद मिल रही है और लंच पैकेट भी महज 1 दिन आए थे उसके बाद कोई भी नहीं आया।
गरीबों को नही मिल रहा राशन, खोखले साबित हो रहे वितरण सम्बन्धी दावे