लॉक डाउन 2 के शुरू होते ही मजदूर निकल पड़े पैदल घर वापसी के लिए
छतरपुर। कोरोना महामारी से जूझ रहे देश में हालात बद से बदतर होते नजर आ रहे हैं हालांकि शासन प्रशासन अपने स्तर पर व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने के तमाम प्रयास कर रहा है लेकिन उनके प्रयास नाकाफी होने के कारण मध्यम वर्ग एवं गरीब परिवारों को जहां एक और खाद्यान्न से लेकर अन्य कई समस्याएं खड़ी हो गई है वहीं दूसरी ओर प्रदेश के विभिन्न बड़े शहरों में फंसे मजदूरों की घर वापसी ना हो पाने के कारण मजदूर पैदल अपने घरों की ओर एक बार फिर चल दिए हैं हालांकि जब लॉक डाउन फर्स्ट का ऐलान प्रधानमंत्री जी द्वारा किया गया था उस समय हजारों की तादाद में मजदूर अपने घर गांव के लिए परिवार के साथ पैदल चल दिए थे वही हजारों की तादाद में मजदूर जहां थे वहीं रुक गए थे कि 21 दिन बाद अपने घरों की ओर चले जाएंगे लेकिन फर्स्ट लॉक डाउन खत्म होने के पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉक डाउन तू की घोषणा कर दी गई जिसके बाद जो मजदूर फंसे हुए थे वे अपने घर गांव जाने के लिए पैदल निकल पड़े ऐसा ही एक मामला छतरपुर में प्रकाश में आया जहां पर ग्वालियर के 10 मजदूर मिले हैं जिन्हें कांग्रेसी नेता दिलीप सिंह एवं पुष्पेंद्र कुशवाहा सहित अन्य ने भोजन कराते हुए कुछ नगद सहायता उपलब्ध कराई साथ ही प्रशासन को भी इस मामले से अवगत कराया लेकिन इतने संवेदनशील मामले में प्रशासन आज संवेदनशील नजर आया उन मजदूरों के पास कोई भी कर्मचारी या अधिकारी नहीं पहुंचा यहां तक कि फोन पर यह कहा गया कि एसडीएम मैडम से बात करता हूं अगर कोई व्यवस्था बनती है तो ठीक है वरना उन मजदूरों से कह दो कि वह जैसे ग्वालियर से छतरपुर तक आए हैं वैसे ही धीरे धीरे गंतव्य तक पहुंचने का प्रयास करें।
कांग्रेस नेता दिलीप सिंह क्षत्रिय ने बताया कि लॉक डाउन के कारण कांग्रेस पार्टी द्वारा गरीबों भोजन उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और कांग्रेस कार्यालय को रसोईघर बना दिया गया है ताकि गरीब मजदूर वर्ग को दो वक्त का भोजन आसानी से उपलब्ध हो सके। शुक्रवार की दोपहर कांग्रेश कार्यालय के बाहर पैदल करीब 10 लोग जा रहे थे जिन्हें रोका गया और जानकारी लेने पर पता चला कि यह मजदूर वर्ग के लोग ग्वालियर से पैदल चलकर छतरपुर पहुंचे हैं जिसमें कुछ लोग रीवा सतना के थी वही आधा दर्जन लोग बड़ा मलहरा क्षेत्र के थे जिन्हें भोजन कराते हुए कुछ सहायता राशि दी ताकि वे अपने गंतव्य तक पहुंच सके।
कांग्रेस नेता दिलीप सिंह क्षत्रिय ने बताया कि प्रशासन के अधिकारी केके पाठक से फोन पर बात कर उन्हें मजदूरों के छतरपुर आने की सूचना दी गई तो उनके द्वारा कोई खास रिस्पांस नहीं दिया गया बल्कि कहना था कि एसडीएम मैडम से बात करते हैं और आप मजदूरों से कह दे कि वह पैदल जाने का प्रयास करें अगर कोई व्यवस्था होती है तो देखते हैं जबकि उनका फर्ज बनता था कि सूचना मिलते ही वे स्वास्थ्य विभाग की टीम को लेकर आते और स्वास्थ्य परीक्षण करते।
मजदूरों को घर वापसी कराने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है शासन-प्रशासन