मंडी में 3 दिन से डेरा जमाए किसान का नहीं खरीदा जा रहा जवा
छतरपुर। देश इन दिनों जानलेवा कोरोना महामारी से जूझ रहा है, ऐसे में अन्नदाता किसानों द्वारा उगाई गई फसलों को समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिए शासन द्वारा गेहूं उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं छतरपुर जिले में कुल 104 केंद्र बनाए गए जो कि पिछली साल की तुलना में काफी ज्यादा है ताकि कोरोना महामारी के इस संकट के दौर में किसानों का अनाज भी बिक जाए और लॉक डाउन के नियमों का पालन भी हो जाए। इस बार प्रशासन द्वारा बेहतर इंतजाम करने के प्रयास किए गए थे लेकिन प्रशासन बेहतर इंतजाम करने में नाकाम साबित हो रहा है, गेहूं उपार्जन केंद्रों पर व्यवस्थाओं की जो गाइडलाइन रखी गई थी वह गाइडलाइन नजर नहीं आ रही है बल्कि पुराने ढर्रे में ही गेहूं खरीदी हो रही है हालांकि इस बार मैसेज के जरिए किसानों को केंद्रों पर आमंत्रित किया जा रहा है इस कारण भीड़ में कुछ कमी जरूर है लेकिन व्यवस्थाओं के दुरुस्त न होने के कारण किसान पहले की तरह ही समस्याओं से जूझ रहा है।
शहर की मंडी की बात की जाए तो यहां पर सोमवार की दोपहर एक किसान द्वारा जमकर हंगामा किया गया किसान का कहना था कि वह 3 दिन से अपना जवा बेचने के लिए मंडी में रुका हुआ है लेकिन मंडी द्वारा जमा नहीं खरीदा जा रहा है बल्कि यह कह दिया गया है कि तुम्हारी बंदी में जवा सड़ा नहीं है। ग्राम घूरा निवासी धन्नी ने बताया कि उसके पास 6 एकड़ जमीन है 4 एकड़ जमीन में वह अनाज की खेती करता है और 2 एकड़ जमीन में जवा की, करीब 30 क्विंटल जवा लेकर वह तीन रोज पहले छतरपुर मंडी आया बेचने के लिए लेकिन वहां पर कागज जमा होने के बाद भी उसका जमा नहीं खरीदा गया, किसान का कहना है कि वहां के अधिकारियों ने लेने से साफ इनकार कर दिया है उनका कहना है कि जवा तुम्हारी बंदी में चढ़ा नहीं है जबकि इसमें मेरा कोई दोस्त नहीं है पटवारी द्वारा जो सर्वे किया गया है वह घर बैठकर किया गया है जबकि प्रशासन जाकर स्वयं खेत पर देख सकता है कि 2 एकड़ जमीन में अभी भी जवा के डंठल लगे हुए हैं। किसान ने आरोप लगाया है कि मंडी में किसी भी प्रकार की कोई सुविधाएं नहीं है अंधेर नगरी मची हुई है।
सचिव का कहना
इस संबंध में जब मंडी सचिव मंगल सिंह से बात की गई तो उनका कहना था कि किसान की बंदी में जवा अंकित नहीं है इस कारण ऑनलाइन ना आने के चलते मंडी में खरीदा नहीं जा रहा है, हमें बड़े अधिकारियों से जो आदेश मिले हैं उसका पालन करते हुए मंडी में खरीदी की जा रही है। किसान द्वारा जो आरोप लगाए जा रहे हैं उसमें मंडी की कोई गलती नहीं है बल्कि राजस्व विभाग द्वारा जो सर्वे किया गया है उसके हिसाब से मंडी खरीदी कर रहा है। जिन किसानों की शिकायतें आ रही हैं उनके नाम लिखकर एसडीएम महोदय को सूची भेज दी है अब उनका जो आदेश होगा उसके हिसाब से खरीदी की जाएगी।
पटवारियों ने घर बैठे किए सर्वे का खामियाजा भुगत रहे किसान