तो साहब ने थाने की कमान संभालते ही सट्टा, जुआ और रेत माफियाओं को दे दी खुली छूट
छतरपुर। जिले में बेहतर थानों की जमात में आने वाला बिजावर थाना इन दिनों सुर्खियां बटोर रहा है, मनीष मिश्रा का तबादला होने के बाद नवागत थाना प्रभारी के रूप में राकेश पांडे ने कमान संभालते ही क्षेत्र की आबोहवा ही बदल दी है, उनके थाने से संबंधित एक ऑडियो रिकॉर्डिंग के वायरल होने के बाद बिजावर थाना मैं जहां हलचल मची हुई है वहीं जिले भर में बिजावर थाने का नाम बदनाम हो रहा है। वायरल ऑडियो मैं एक एसआई कह रहे हैं कि थाना प्रभारी सहित उनके चहेतेे दो आरक्षकोद्वारा थाना क्षेत्र में सभी तरीके के अवैध काम कराए जा रहे हैं, जिनमें जुआ सट्टा के साथ-साथ रेत का काला कारोबार शामिल है अवैध काम के संचालन के एवज में मोटी रकम प्रति माह ली जाती है, वायरल ऑडियो में इन कामों का जिक्र करते हुए एसआई का कहना है इन अवैध कामों से जो अवैध आर्थिक लाभ मिल रहा है, उसमें स्टाफ शामिल नहीं बल्कि इसका लाभ सीधा थाना प्रभारी सहित उनके चहेते लेे रहे है, जोकि सरासर गलत है पुलिस का काम अवैध कामों पर बंदिश लगाते हुए अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होना चाहिए लेकिन बिजावर थाना अपने कर्तव्यों के विपरीत काम कर रही है जो कि जांच का विषय है।
महिला से मांगे ₹3000
नगर के वार्ड क्रमांक 2 में रहने वाली मेला कमली कुशवाहा का 13 वर्षीय पुत्र 14 जून को लापता हो गया था इस मामले में महिला थाने पहुंची जिसकी शिकायत किए जाने के बाद पुलिस द्वारा मामला तो दर्ज कर लिया गया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की हालांकि महिला और उनके परिजनोंं द्वारा अपने स्तर पर लापता पुत्र को खोज लिया गया, जब महिला पुत्र को लेकर थानेे पहुंची तो वहां पर बैठे एसआई द्वारा लड़के को बड़ा मलहरा ले जाने के लिए ₹3000 की मांग की गई इसके अलावा महिला के साथ अभद्र व्यवहार भी किया गया जिसकी शिकायत महिला द्वारा एसडीओपी बिजावर से करते हुए कार्यवाही की मांग की गई है। पीड़ित महिला को परेशान ना किया जाए इसके लिए पत्रकार भी थाने पहुंच गए लेकिन उनके साथ भी थाना प्रभारी का बर्ताव ठीक-ठाक नहीं रहा।
लाइन में बैठे थाना प्रभारी और थानों की कमान एसआई के हाथों में
इन दिनों जिले की कई थानों की कमान एसआई के हाथों में है जबकि प्लेन में डीआई बैठे हुए हैं हाल ही में बड़ा मलहरा थाना प्रभारी एसके दुबे का भी तबादला कर दिया गया और उन्हें ही लाइन में कर दिया गया जबकि कुछ थाना प्रभारी ऐसे हैं जिनका नाम आते ही लोग प्रशंसा करने लगते हैं। अब सवाल यह उठता है कि जब पुलिस महकमा के पास थाना प्रभारी है तो फिर थानों की कमान एसआई को क्यों सौंपी जा रही है।