गरीब के आशियाने पर प्रशासन ने चलवाई बुलडोजर July 23, 2020 • ABDUL RAISH छतरपुर। देश इन दोनों जानलेवा कोरोना महामारी से जूझ रहा है इस महामारी की दस्तक से लेकर अब तक 4 माह बीत चुके हैं इस अवधि में लॉकडाउन के कारण मध्यमवर्ग गरीब तबका विशेष रूप से प्रभावित हुआ है हालांकि महामारी के कारण हर वर्ग के लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है उनके सामने सबसे बड़ी समस्या रोजगार है। कोरोनावायरस काल में गरीब परिवार को तो खाने के लाले पड़ रहे हैं लेकिन प्रशासन उनकी मजबूरी नहीं समझ रहा है बीते रोज तहसीलदार द्वारा महोबा रोड पर एक गरीब के छोटे से आशियाने पर बुलडोजर चलवा दिया गया जिससे पूरा परिवार बेकार हो गया है और अब उनके पास घर नाम बस टूटे-फूटे स्पीड गमों के टुकड़ों में दिख रहा है प्रशासन द्वारा एक झटके में गरीब के मकान को जमींदोज कर दिया गया जबकि और मकान में रहने वाला परिवार प्रशासन के अधिकारियों पर पुलिस बल पर रियायत देने की भीख मांगता रहा लेकिन किसी ने एक न सुनी और एक ₹1 जमा कर बनाए गए छोटे से मकान पर बुलडोजर चलवा कर दो मिनट में सालों की कमाई से बनाए गए मकान को ध्वस्त करवा दिया गया। प्रशासनिक कहर के कारण अपना मकान होने वाली मेला रोती बिलखती रही लेकिन उसकी किसी ने एक नहीं सुनी। रो-रो कर महिला की हालत यह हुई कि तबीयत बिगड़ जाने पर उसे इलाज के लिए ले जाया गया। कोरोनावायरस काल में प्रशासन द्वारा इस तरह की कार्यवाही किए जाने की शहर के प्रबुद्ध जनों द्वारा निंदा की जा रही है उनका कहना है कि जहां एक और शासन पट्टे की जमीन के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने रुपए दे रहा है तो ऐसे में या तो उक्त महिला के लिए पहले कोई व्यवस्था कर दी जाती और उसके बाद उसके अतिक्रमण में बने मकान को ध्वस्त किया जाता अब सवाल यह उठता है कि प्रशासन ने मकान तो जमींदोज कर दिया अब उस गरीब परिवार का क्या होगा। प्रशासन द्वारा बीते रोज की गई कार्रवाई के बाद अब यह लगने लगा है कि निश्चित तौर पर कानून सिर्फ गरीबों के लिए बना है और प्रशासन के अधिकारी भी गरीबों पर ही कानून का रूप झाड़ पाते हैं अगर ऐसा ना होता तो प्रशासन भूमि माफियाओं और रसूखदार लोगों पर भी कार्यवाही करता जो कि शासन की करोड़ों अरबों रुपए की जमीन पर अतिक्रमण किए हुए हैं।