अभियोजन विभाग की पुस्तेक ‘’पॉक्सो एक्ट - अन्वे षण एवं विचारण’’ का हुआ विमोचन


पन्ना।अभियोजन अधिकारी जिला-पन्ना के मीडिया सेल प्रभारी श्री द्विवेदी के द्वारा बताया गया कि, म.प्र. लोक अभियोजन द्वारा दिनांक 20.08.2020 को राजधानी भोपाल में पुस्त क विमोचन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में ‘’पॉक्सोन एक्टं - अनुसंधान एवं विचारण’’ विषय पर लिखी गई पुस्ताक का विमोचन माननीय गृहमंत्री श्री नरोत्तसम मिश्रा जी द्वारा किया गया। यह पुस्तरक श्री पुरूषोत्तिम शर्मा महानिदेशक/संचालक लोक अभियोजन म.प्र. एवं सुश्री सीमा शर्मा म.प्र. राज्यर समन्व यक पॉक्सो एक्टृ/ एडीपीओ रतलाम द्वारा लेख की गई है। कार्यक्रम में म.प्र. राज्यी के माननीय गृहमंत्री डॉ. नरोत्तेम मिश्रा जी मुख्य् अतिथि एवं आदरणीय अतिरिक्तई मुख्य् सचिव गृह विभाग म.प्र. शासन डॉ. राजेश कुमार राजोरा, विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे तथा उन्हीं के शुभ हाथों द्वारा पुस्तभक का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में म.प्र. लोक अभियोजन के वरिष्ठत अधिकारीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सुश्री मौसमी तिवारी प्रमुख जनसंपर्क अधिकारी लोक अभियोजन, एवं सुश्री सीमा शर्मा राज्या समन्वरयक पॉक्सो् एक्टक मध्यभप्रदेश द्वारा किया गया, इस अवसर पर सुश्री तिवारी ने बताया कि अधिनियम के अनुसंधान एवं अभियोजन की संपूर्ण प्रक्रिया को समाहित कर लॉकडाउन के दौरान लेखक द्वय द्वारा यह पुस्तंक समस्तक विधि जगत को एक नई दिशा व चेतना प्रदान करेगी। कार्यक्रम के उदघाटन सत्र में अतिथियों का स्वाकगत श्री पुरूषोत्तरम शर्मा महानिदेशक/संचालक लोक अभियोजन म.प्र., सुश्री मौसमी तिवारी प्रमुख जनसंपर्क अधिकारी लोक अभियोजन एवं सुश्री सीमा शर्मा राज्य समन्वजयक पॉक्सोा एक्टअ मध्यिप्रदेश द्वारा किया गया । पुस्तजक का विमोचन करते हुए मुख्य् अतिथि माननीय गृहमंत्री श्री नरोत्तनम मिश्रा जी द्वारा इस पुस्त‍क को लिखने के लिए श्री पुरूषोत्ततम शर्मा जी एवं सुश्री सीमा शर्मा को बधाई दी गई, साथ ही उन्होंाने लॉकडाउन के कठिन समय में ऐसे संवेदनशील विषय पर पुस्तरक लेखन का कार्य करने के लिए श्री पुरूषोत्त म शर्मा की प्रशंसा की। पुस्तसक के विषय में उन्होंजने कहां कि इस पुस्तिक से मध्यत प्रदेश ही नहीं वरन् संपूर्ण भारत देश को लाभ मिलेगा। म.प्र. सरकार बालकों के विरूद्ध हो रहे लैंगिक शोषण के अपराधियों को नहीं बख्शेंपगी - डॉ. नरौत्म्ि गृहमंत्री इस अवसर पर उन्हो.ने कहां कि म.प्र. सरकार नौनिहालों के विरूद्ध हो रहे किसी भी प्रकार के लैंगिक शोषण को बर्दाश्त. नही करेगी और ऐसे घृणित अपराधों को करने वाले अपराधियों को कडी से कडी सजा दिलाने हेतु म.प्र. सरकार प्रतिबद्ध है। स्व यं को गोरान्वित महसूस करते हुए माननीय गृहमंत्री जी ने कहां कि मैं एक ऐसे विभाग का पालक मंत्री हूं जो मानवता के विरूद्ध हो रहे सबसे घृणित अपराधों के विरूद्ध अपनी पूरी क्षमता और उर्जा के साथ प्रदेश का प्रतिनिधित्वत कर रहा है। एक ऐसा विभाग जिसका नाम संपूर्ण भारत में बालकों के विरूद्ध लैंगिक शोषण के अपराधों में सर्वाधिक फांसी की सजा कराने के लिए ‘’ वर्ल्डद बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन ‘’ में दर्ज किया गया है। साथ उन्हों ने म.प्र. लोक अभियोजन विभाग को और अधिक मजबूत और सुदृढ करने हेतु आश्वंस्तद किया। ''बच्चेत देश का भविष्य‍ है उनकी सुरक्षा और उनका विकास ही सरकार और समाज दोनों की जिम्मेकदारी – डॉ. राजेश कुमार राजोरा'' इस अवसर पर अतिरिक्तव मुख्यय सचिव, म.प्र. गृह विभाग डॉ. राजेश कुमार राजोरा ने कहां कि बच्चेर हमारे देश का भविष्यव है इसलिए उनकी सुरक्षा और विकास सरकार और समाज दोनेां की जिम्मे दारी है। उन्होंदने लॉकडाउन के समय में यह पुस्तवक लिखे जाने पर प्रशंसा व्य क्तै करते हुए श्री पुरूषोत्तनम शर्मा जी एवं सुश्री सीमा शर्मा जी को बधाई दी और कहां कि निश्चित ही यह पुस्तेक प्रदेश और देश के कई अभियोजकों, वकीलों के साथ ही आम आदमी के लिए भी बेहद उपयोगी साबित होगी। ''लैंगिक उत्पी डन के शिकार अबोध बालक-बालिकाओं को समर्पिदत करता हूं यह पुस्तोक- श्री पुरूषोत्त म शर्मा'' श्री पुरूषोत्तंम शर्मा महानिदेशक/संचालक लोक अभियोजन म.प्र. ने ‘’पाक्सोक एक्ट - अनुसंधान एवं विचारण ‘’ पुस्तमक के विषय में बताते हुए कहां कि बच्चों पर हो रहे लैंगिक अत्यापचारों की घटनाएं मुझे कचोट रही थी और यही इस पुस्त क को मूर्त रूप देने की प्रेरणा बनी। इस अवसर मैं हमारी राज्यै समन्व्यक पॉक्सोम एक्टथ/ एडीपीओ सुश्री सीमा शर्मा को धन्यरवाद देता हूं कि उन्होंरने लॉकडाउन के समय में अपनी पूरी निष्ठाे से पुस्तीक में मेरा सहयोग किया। श्री शर्मा ने यह भी बताया कि मैं यह पुस्ताक दो महत्व पूर्ण विषयों पर केंद्रित है। प्रथम बच्चोंे के विरूद्ध होने वाले लैंगिक अपराधों के संबंध में विधिक प्रावधानों, प्रक्रिया और उनके अनुपालन के संबंध में उल्लेोख करता है तथा द्वितीय, अन्वे षण और विचारण के लिए एक संक्षिप्तऔ मार्गदर्शिका उपलब्धं कराने से संबंधित है। साथ ही यह पुस्तिक कई अध्या यों मे विभाजित है जिसमें कुछ अध्यातय अन्वेलषण एजेंसी के लिए उपयोगी है, एक अध्याीय चिकित्संक समुदाय के लिए, कुछ अध्यािय चिकित्साक बालकों के कल्याजण और काउंसलिंग संस्थासओं के लिए और कुछ अध्याचय अभियोजक अधिकारियों के लिए उपयोगी रहेंगे। इस पुस्तुक में सुश्री सीमा शर्मा के अभियोजन संचालन के ज्ञान तथा कौशल का सार तथा अपने पुलिस करियर के समस्तय अनुसंधान अनुभव के सार तथा माननीय सर्वोच्चच न्याथयालय एवं माननीय उच्चस न्याीयालय के न्यारय निर्णय एवं अन्यअ केस स्टाडी के माध्य‍म से यह पुस्त क लिखने का प्रयास किया गया है। बालकों के प्रति बढते लैंगिक शोषण के अपराधों पर चिंतित होते हुए श्री शर्मा ने कहां कि ऐसे अपराधियों को कडी से कडी सजा कराने की आवश्येकता है और ऐसे अपराधों में सजा का प्रतिशत भी बढाने की जरूरत है। इस उद्देश्यस की पूर्ति के लिए मेरे द्वारा सुश्री सीमा शर्मा एडीपीओ को म.प्र. राज्यै समन्वुयक पॉक्सोर एक्टद नियुक्तप किया गया है। जिनके कुशल नेतृत्वा में ऐसे अपराधों में कडी से कडी सजा कराई जा कर सजा का प्रतिशत बढाया जा सकेगा। अंत में श्री पुरूषोत्ताम शर्मा द्वारा यह पुस्तयक लैंगिक उत्पी्डन के शिकार अबोध बालक-बालिकाओं को समर्पित की गई सुश्री सीमा शर्मा द्वारा पुस्त क लेखन हेतु प्रेरणा एवं मार्गदर्शन हेतु माननीय संचालक श्री पुरूषोत्ताम शर्मा जी का आभार व्यवक्त‍ करते हुए कहा कि पॉक्सो् से संबंधित समस्तम बातों पर उचित समीक्षा उपरांत सभी पहलूओं को समाहित करने का प्रयास किया‍ है। आशा है कि सुधि पाठकगण इसे पसंद करेंगे व भवविष्या में हम और अच्छाम लिख सके इस हेतु प्रेरित करेंगे। पुस्त क विमोचन के कार्यक्रम के अवसर पर जिला अभियोजन अधिकारी भोपाल श्री राजेन्द्र उपाध्याउय, सहायक संचालक श्री अमित शुक्लाय, श्री उदयभान रघुवंशी, श्री लोकेन्द्रर द्विवेदी, मीडिया सेल प्रभारी भोपाल श्री मनोज त्रिपाठी एडीपीओ श्री बिहारी सिंह बघेल प्रमुख रूप से उपस्थित रहें। कार्यक्रम के अंत में सुश्री मौसमी तिवारी प्रमुख जनसंपर्क अधिकारी लोक अभियोजन द्वारा सभी अतिथियों, अधिकारियों एवं उपस्थित पत्रकारों का आभार प्रकट किया गया।