मौत का अड्डा बना जिला अस्पताल


बेहतर इलाज के अभाव में पत्रकार की पत्नी की मौत छतरपुर। दूसरों का मर्ज मिटाने वाला जिला अस्पताल मौत का अड्डा बन चुका है यहां पर परिजन अपने मरीज को इस आशा से लाते हैं कि उनका मर्ज मिट जाएगा और वह अपने मरीज को स्वस्थ करा कर जिला अस्पताल से घर ले जाएंगे लेकिन जिला अस्पताल में फैली बदइंतजामी और डॉक्टरों की लापरवाही के कारण जिला अस्पताल मौत का एक ऐसा घर बन गया है जहां से या तो मरीज मौत का सफर कर जाता है या फिर झांसी ग्वालियर के लिए रेफर कर देते हैं। डॉक्टरों को भगवान का दूसरा रूप माना गया है लेकिन वर्तमान में जिला अस्पताल का आलम यह है कि लोग डॉक्टरों को यमराज कहने लगे हैं अगर ऐसा ही आलम रहा तो 1 दिन ऐसा आएगा जब जिला अस्पताल सूना नजर आएगा और डॉक्टर एवं अन्य स्टाफ सुबह से शाम तक धूप सेकेंगे। कहने को तो छतरपुर में विधायक के साथ दो सांसद और जिला की सभी आला अधिकारी यहीं पर निवास करते हैं लेकिन उनकी उदासीनता के चलते जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं दुरुस्त होने का नाम नहीं ले रही है। साथी पत्रकार राज मोहम्मद की पत्नी का दुखद निधन हो गया आखिर क्यों हुआ यह बड़ा सवाल है। बीमार पड़ने पर इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया यहां पर जब हालत ज्यादा बिगड़ गई तब डॉक्टरों द्वारा बाहर रेफर कर दिया और रास्ते में पत्रकार राज मोहम्मद की पत्नी की सांसे थम गई, इस हृदय विदारक घटना ने सभी को झकझोर दिया है अगर जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं दुरुस्त और इलाज बेहतर होता तो आज यह दिन नहीं देखना पड़ता, जिला अस्पताल में एक तो सर्जन नहीं और दूसरे डॉक्टरों की मनमानी ऐसे में एक महिला की मौत हो गई अब इस मौत का जिम्मेदार कौन है कोई नहीं बताएगा और ना ही किसी के ऊपर कार्यवाही होगी वाह रे सरकार और वाह प्रशासन।