नायब तहसीलदार का कांग्रेस नेता से गठजोड़ बन सकता है गले की फांस November 06, 2020 • ABDUL RAISH नियमों को ताक पर रखकर कर दी 20 फुट की रोड पास, एसडीएम कोर्ट में सुनवाई टली छतरपुर। सब गोलमाल है भाई सब गोलमाल है यह सब राजस्व विभाग पर पूरी तरह सटीक बैठते हैं क्योंकि राजस्व विभाग कब किस की जमीन किसके नाम कर दें और कहां से सड़क निकाल दे किसी को पता ही नहीं चलता ऐसा ही एक मामला ईशानगर के पठादा में देखने को मिला यहां पर कांग्रेसी नेता डॉ खलील खान नायब तहसीलदार अंजू लोधी से मिलीभगत कर कुम्हार जाति के एक परिवार के लिए स्वीकृत जमीन से 20 फुट की सड़क स्वीकृत करा ली जबकि यह पूरी तरह नियम विरुद्ध है। राजस्व के जानकारों से जब इस संबंध में बात की गई तो उनका कहना था कि आवंटित उक्त जमीन जोकि कुमार जाति के एक परिवार को आवंटित की गई थी उस जमीन से पहले विशेष परिस्थितियों में 5 फुट की सड़क स्वीकृत की जा सकती थी और अब नियम अनुसार मात्र 7 फुट की सड़क स्वीकृत की जा सकती है अगर नायब तहसीलदार द्वारा उक्त जमीन से 20 फुट की सड़क स्वीकृत करा दी गई है तो इस मामले में कोई लंबा झोल है संभवत यह मामला एक बड़े लेन-देन की ओर संकेत कर रहा है जिसमें कांग्रेसी नेता डॉ खलील और नायब तहसीलदार अंजू लोधी की संलिप्तता को दरकिनार नहीं किया जा सकता। जानकारी के मुताबिक शासन द्वारा गोरेलाल कुमार के परिवार को घड़ा बनाने के लिए एक जमीन का छोटा सा टुकड़ा आवंटित किया गया था उक्त जमीन से मिट्टी खोदकर उसका परिवार जो घड़ा तैयार करता था उसको बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण किया करता था लेकिन कांग्रेस नेता डॉक्टर खलील की उक्त जमीन पर ऐसी नजर लगी कि उन्होंने सीमांकन कराने के बहाने गोरेलाल कुम्हार से फर्जी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराते हुए नायब तहसीलदार अंजू लोधी से सांठगांठ कर 20 फुट का रोड उक्त जमीन से पास करा लिया जबकि जो नियम है उसके मुताबिक पूर्व में राजस्व विभाग का सक्षम अधिकारी 5 फुट रोड स्वीकृत कर सकता था और वर्तमान में विशेष स्थिति में 7 फुट का रोड स्वीकृत कर सकता है लेकिन नायब तहसीलदार अंजू लोधी ने कांग्रेस नेता कि हां जी हां जी करते हुए उक्त जमीन से 20 फुट का रोड स्वीकृत कर दिया जो कि एक बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहा है। नायब तहसीलदार अंजू लोधी के फैसले के विरोध में गोरेलाल कुम्हार द्वारा जिला कलेक्टर एसडीएम तहसीलदार को शिकायत आवेदन देने के साथ एसडीएम कोर्ट में एक आवेदन दिया था जिसमें न्याय की मांग की गई थी और शुक्रवार को एसडीएम कोर्ट में पेशी थी जिसमें सुनवाई क्यों नहीं हो सकी लेकिन आगामी 26 नवंबर तक के लिए तारीख बढ़ा दी गई अब देखना यह है कि एसडीएम कोर्ट में नियम के अनुसार फैसला होता है या फिर नियम विरुद्ध जो सड़क निकाली गई है उस के पक्ष में