हितग्राही को पता नहीं और निकल गई पीएम आवास योजना की राशि

पंचायती राज में एक और भ्रष्टाचार उजागर


शिकायत के बाद फरियादी तो मिल नहीं जान से मारने की धमकी


छतरपुर। पंचायती राज में भ्रष्टाचार किस कदर हावी है अगर इसकी बानगी देखना है तो छतरपुर जिले की पंचायतों को देखा जा सकता है यहां पर पंचायत के सरपंच सचिव ने मिलकर भ्रष्टाचार कि ऐसे कीर्तिमान स्थापित किए हैं कि अगर सच्चाई के साथ पंचायतों की जांच की जाए तो भ्रष्टाचार की फाइल होते कई डंपर भर जाएंगे और संबंधित जनपद के कार्यालयों में फाइल के अलावा कुछ भी नजर नहीं आएगा एक ऐसा ही मामला जनपद पंचायत राजनगर की ग्राम पंचायत धमना में देखने को मिला, यहां पर सरपंच सचिव एवं रोजगार सहायक ने मिलीभगत कर प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया है यहां तक की ग्रामीण द्वारा कभी आवास योजना का शाम तक नहीं डाला गया उसके फर्जी दस्तावेज लगाकर आवास योजना स्वीकृत कराते हुए जो राशि आई उसे आपस में बात कर शासन की महत्वकांक्षी योजना को चूना लगा दिया। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के पास पहुंचे पीड़ित वृद्ध राम मनोहर कुशवाहा ने बताया कि वृद्ध होने के साथ-साथ वह दिव्यांग और निर्धन है इसके बाद भी सरपंच फूला आदिवासी सरपंच प्रतिनिधि मुन्ना राय सचिव कालीचरण अहिरवार एवं रोजगार सहायक राकेश अहिरवार ने मिलीभगत कर फर्जी दस्तावेज लगाकर प्रधानमंत्री आवास योजना 31 अक्टूबर 2019 से 19 मार्च 2020 के बीच स्वीकृत कराते हुए योजना के ₹120000 फर्जी खाते में डाल कर निकाल लिए। वृद्ध राम मनोहर को जब सितंबर माह में इस बात की सूचना लगी तो उसके द्वारा जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को शिकायती आवेदन दिया गया जिसकी भनक लगते ही सरपंच सचिव एवं रोजगार सहायक ने पहले तो वृद्धि राम मनोहर से शिकायत वापस लेने का दबाव डाला जब वह नहीं माना तो झूठे केस में फसाते हुए जान से मारने की धमकी तक दे डाली जिसके बाद पीड़ित राम मनोहर कुशवाहा द्वारा एसडीएम से शिकायत करते हुए न्याय की गुहार लगाई गई है। पीड़ित राम मनोहर कुशवाहा ने एसडीएम से मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी दंडात्मक कार्यवाही की जाए साथ ही उनके द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना में जो भ्रष्टाचार किया है उस राशि को भी वापस लिया जाए।