अब और भी ज्यादा कठिन हो गई कांग्रेस प्रत्याशी के लिए जीत की डगर

बड़ा मलहरा उपचुनाव


छतरपुर। विधानसभा क्षेत्र बड़ा मलहरा का इतिहास रहा है कि यहां की जनता ने जिस नेता को विधानसभा भेजा उस नेता ने कभी भी इस क्षेत्र की जनता को अपना नहीं माना हालांकि बड़ा मलहरा विधानसभा क्षेत्र मैं कुछ नेता ऐसे भी है जिन्होंने अपनी जिंदगी क्षेत्र के लिए समर्पित कर दी लेकिन पद ना मिल पाने के कारण क्षेत्र के लिए कुछ खास नहीं कर पाए। बड़ी उम्मीदों के साथ इस बार क्षेत्र की जनता ने प्रदुम सिंह को विधायक बना कर विधानसभा भेज दिया लेकिन वे सत्ता की लालच में भाजपा में शामिल हो गए और एक बार फिर भाजपा ने उन्हें चुनाव मैदान में उतार दिया है अब जनता उनका क्या हाल करती है यह तो मतगणना के बाद ही पता चलेगा लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी राम सिया भारती की बात की जाए तो उनकी जीत की डगर दिन पे दिन कठिन होती जा रही है एक तो उनका मैनेजमेंट बेहतर ना होने के कारण वे जनता तक अपनी बात नहीं पहुंचा पा रही है वहीं दूसरी ओर राजनीतिक गलियारों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर वर्तमान में एक नेता जी का जो कारनामा सामने आया है उसके बाद से तो कांग्रेस प्रत्याशी राम सिया भारती की परेशानियां इतनी बढ़ गई है कि अब संभवतः उनके समर्थकों के साथ साथ वह भी बुरी तरह हताश होंगी। मनीष जैन बदल सकते हैं चुनावी समीकरण समाजसेवी मनीष जैन द्वारा बहुजन समाज पार्टी से प्रबल दावेदारी की गई थी लेकिन ऐन वक्त पर पार्टी द्वारा अखंड प्रताप सिंह यादव को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया गया जिससे नाराज होकर समाजसेवी मनीष जैन सपाक्स की ओर बढ़े और सपाक्स ने उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया ।मनीष जैन के साथ प्लस पॉइंट यह है कि वे क्षेत्रीय है और उन्होंने हमेशा क्षेत्र की जनता की मदद की है चाहे वह नेत्र शिविर के माध्यम से हो या फिर किसानों को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन का मामला हो, मनीष जैन क्षेत्र में एक चर्चित नाम है जिसका लाभ उन्हें निश्चित तौर पर मिलने वाला है हालांकि जीतना तो तय नहीं है पर हाथी और सपाक्स के चक्कर में जहां एक और कांग्रेस और भाजपा में कांटे का मुकाबला होगा वहीं दूसरी ओर तीसरे विकल्प के रूप में मनीष जैन या फिर बहुजन समाज पार्टी हाथ मार सकती है।